दशहरा का शुभ त्यौहार, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे देश में हर साल मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है – माँ दुर्गा की महिषासुर पर जीत और भगवान राम ने रावण को हराया। दशहरा नवरात्रि और दुर्गा पूजा समारोहों के समापन का भी प्रतीक है। इस साल दशहरा की सही तिथि को लेकर कुछ भ्रम है। यहाँ विवरण जानें।
दशहरा 2024: विजयादशमी का महत्व
दशहरा या विजयादशमी, भगवान राम की राक्षस रावण पर विजय और देवी दुर्गा की भैंस राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार के बाद रोशनी का सबसे शुभ त्यौहार दिवाली मनाया जाता है।
हिंदू संस्कृति में दशहरा का बहुत महत्व है। यह सार्वभौमिक संदेश को पुष्ट करता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में हमेशा धर्म की जीत होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका के राजा रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था, जब वे अपना 14 साल का वनवास पूरा कर रहे थे। भगवान राम ने लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना के साथ मिलकर माता सीता को बचाया। उन्होंने भयंकर युद्ध लड़ा और दसवें दिन, राम ने अंततः रावण को हरा दिया, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। देश के अधिकांश हिस्सों में, उत्सव मनाने के लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं।
विजयदशमी के दौरान महिषासुर पर माँ दुर्गा की जीत का भी जश्न मनाया जाता है। बंगाल में, विजयदशमी को सिंदूर खेला और धुनुची नृत्य के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त, दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन (दुर्गा विसर्जन) जीवंत जुलूसों के साथ होता है, जो देवी के अपने स्वर्गीय निवास पर लौटने का प्रतीक है।
दशहरा 2024: विजयादशमी कब है?
इस साल दशमी तिथि दो दिन रहेगी। इसलिए इस बात पर असमंजस की स्थिति है कि दशहरा 12 अक्टूबर को है या 13 अक्टूबर को। द्रिक पंचांग के अनुसार विजयादशमी 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी।
दशहरा 2024: दशमी तिथि और शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं: विजय मुहूर्त – दोपहर 2:03 बजे से दोपहर 2:49 बजे तक अपराहण पूजा का समय – दोपहर 1:17 बजे से 3:35 बजे तक दशमी तिथि प्रारंभ – 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे दशमी तिथि समाप्त – 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे श्रवण नक्षत्र प्रारंभ – 12 अक्टूबर को सुबह 5:25 बजे श्रवण नक्षत्र समाप्त – 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 बजे