कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के बाद आलोचनाओं का सामना कर रही पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की मांग के अनुरूप अस्पताल प्रशासन में शीर्ष पदों पर कई बदलाव किए हैं।
इस बड़ी कहानी से जुड़े 10 तथ्य यहां दिए गए हैं
- घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष के पद से हटने के बाद प्राचार्य नियुक्त की गई प्रोफेसर डॉ. सुहृता पॉल को हटा दिया गया है। प्रोफेसर डॉ. मानस कुमार बंदोपाध्याय नए प्राचार्य होंगे।
- राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार डॉ. पॉल को अब बारासात सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। इससे पहले डॉ. मानस कुमार बंदोपाध्याय इस पद पर थे।
- आरजी कर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. बुलबुल मुखोपाध्याय को भी हटा दिया गया है। उनकी जगह प्रोफेसर डॉ. सप्तर्षि चटर्जी को नियुक्त किया गया है।
- राज्य सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर डॉ. अरुणाभ दत्ता चौधरी को पद से हटा दिया है। पीड़िता इसी विभाग में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु थी।
- यह बदलाव तब किए गए जब कल छात्रों और वरिष्ठ डॉक्टरों ने कोलकाता में सीबीआई कार्यालय से लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन तक विरोध मार्च निकाला। डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वहां शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और प्रिंसिपल को हटाने सहित कई मांगें रखीं।
- राज्य सरकार ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष की कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रमुख के रूप में नियुक्ति भी रद्द कर दी है – इस कदम की अदालतों ने कड़ी आलोचना की है और राज्य सरकार को शर्मसार होना पड़ा है।
- रात्रि ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय डॉक्टर 9 अगस्त की सुबह सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों की मांग को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
- सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है तथा ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों की सिफारिश करने हेतु एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है।
- बलात्कार और हत्या के इस भयावह मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी को सौंप दी थी। न्यायालय ने कहा था कि कोलकाता पुलिस ने कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की है।
- डॉक्टर की लाश मिलने के एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ़्तार किया था। अभी तक कोई और गिरफ़्तारी नहीं हुई है। सीबीआई ने आज की सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को जांच की स्थिति पर एक रिपोर्ट सौंपी है।