जीशान सिद्दीकी आधिकारिक तौर पर अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए हैं, जो महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह फैसला उनके पिता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर, 2024 को दुखद हत्या के कुछ ही दिनों बाद आया है। शुक्रवार, 25 अक्टूबर, 2024 को जीशान को आगामी चुनावों में बांद्रा ईस्ट विधानसभा सीट के लिए एनसीपी के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया।
राजनीतिक परिदृश्य
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को आने की उम्मीद है। राजनीतिक माहौल गर्म है, खासकर बांद्रा ईस्ट के लिए, जहां जीशान का मुकाबला शिवसेना (यूबीटी) के वरुण सरदेसाई से होगा। यह चुनाव जीशान के लिए खास तौर पर मार्मिक है, क्योंकि उनका लक्ष्य अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना और बांद्रा ईस्ट में लोगों के अधिकारों के लिए लड़ना है।
हाल ही में दिए गए एक बयान में जीशान ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की मौजूदा सीट शिवसेना (यूबीटी) को दे दी गई। उन्होंने गठबंधन पर उन्हें धोखा देने का प्रयास करने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने की सख्त जरूरत है।
पृष्ठभूमि
जीशान सिद्दीकी इससे पहले बांद्रा ईस्ट से कांग्रेस के विधायक थे, उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में यह सीट जीती थी। हालांकि, महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के दौरान क्रॉस-वोटिंग के आरोपों के कारण उन्हें अगस्त 2024 में कांग्रेस से निष्कासन का सामना करना पड़ा – एक ऐसा दावा जिसका उन्होंने लगातार खंडन किया है। कांग्रेस से उनका जाना विश्वासघात की भावना से चिह्नित था, क्योंकि उन्हें लगा कि पार्टी नेताओं ने कठिन समय के दौरान उनका समर्थन नहीं किया था।
अपने पिता की मृत्यु के बाद, जीशान के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं। उन्होंने पहले कांग्रेस के साथ बने रहने के इरादे व्यक्त किए थे, लेकिन बाद में उन्होंने एनसीपी के अजीत पवार के गुट के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। एनसीपी में शामिल होने पर अपने बयान में, जीशान ने इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान पवार और पार्टी के अन्य नेताओं के प्रति उनके भरोसे के लिए आभार व्यक्त किया।
एनसीपी की उम्मीदवार सूची
जीशान की घोषणा के दिन ही एनसीपी ने आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। जीशान के साथ-साथ पूर्व विधायक नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को भी सूची में शामिल किया गया। एनसीपी का लक्ष्य महाराष्ट्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारना है, जिनका स्थानीय स्तर पर मजबूत संबंध और सामुदायिक समर्थन हो।
भावनात्मक प्रतिबद्धता
जीशान सिद्दीकी की अपने पिता की विरासत के प्रति प्रतिबद्धता उनके बयानों में स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने लोगों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया और वे इस मिशन को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने जोश से कहा, “उनका खून मेरी रगों में बहता है,” जो बांद्रा ईस्ट को महत्वपूर्ण अंतर से जीतने के उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
बाबा सिद्दीकी की मौत से जुड़ी हाल की घटनाओं ने इस चुनाव का भावनात्मक महत्व और बढ़ा दिया है। पूर्व मंत्री को बांद्रा में उनके कार्यालय के बाहर गोली मार दी गई, इस घटना ने जीशान और स्थानीय समुदाय दोनों पर गहरा प्रभाव डाला है।
सामुदायिक समर्थन
एनसीपी के बैनर तले राजनीति में जीशान की वापसी को बांद्रा ईस्ट में सामुदायिक समर्थन जुटाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। 2019 में उनकी पिछली जीत स्थानीय भावनाओं और उस समय शिवसेना के भीतर विद्रोह से मिली थी। हालांकि, इस बार उनका सीधा मुकाबला वरुण सरदेसाई से है, जो शिवसेना के भीतर सरदेसाई के संबंधों और मुंबई में इसके ऐतिहासिक प्रभाव को देखते हुए एक चुनौतीपूर्ण लड़ाई हो सकती है।
जीशान ने एक बार फिर जीत हासिल करने का भरोसा जताया है। उनका मानना है कि समुदाय के समर्थन और एनसीपी नेतृत्व के समर्थन से वह अपनी सीट वापस पा सकते हैं और स्थानीय मुद्दों की वकालत करना जारी रख सकते हैं।