गुरुवार (3 अक्टूबर) से नवरात्रि शुरू हो गई। नौ दिवसीय त्योहार, जो 12 अक्टूबर को समाप्त होगा, हिंदू भक्तों द्वारा मनाया जाता है जो मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा करते हैं। आदि शक्ति के इन नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। वे हैं मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री।
नवरात्रि 2024 दूसरा दिन: कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी? उनकी पूजा का महत्व
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी एक महान सती थीं और उनके अविवाहित रूप की पूजा भक्त करते हैं। उन्हें नंगे पैर चलते हुए दिखाया गया है, उनके दो हाथ हैं और उनके दाहिने हाथ में जप माला (प्रार्थना की माला) और बाएं हाथ में कमंडल है।
द्रिक पंचांग के अनुसार कुष्मांडा रूप के बाद देवी पार्वती ने दक्ष प्रजापति के घर जन्म लिया। देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि तपस्या के दौरान उन्होंने 1,000 वर्ष तक केवल फूल और फल खाए तथा 100 वर्ष तक पत्तेदार सब्जियों पर पलंग पर सोईं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर की आराधना करते हुए उन्होंने 3,000 वर्षों तक बिल्वपत्र खाए। बाद में उन्होंने पत्ते खाना बंद कर दिया और बिना भोजन और पानी के जीवित रहीं।
देवी ब्रह्मचारिणी मंगल देव की देवी हैं, जो सभी प्रकार के सौभाग्य के प्रदाता हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य और संयम जैसे गुणों में स्वाभाविक रूप से सुधार होता है। व्यक्ति अपने नैतिक आचरण को भी बेहतर बना सकता है।
नवरात्रि 2024 दूसरा दिन: पूजा विधि, सामग्री और भोग
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठना चाहिए और स्नान करके खुद को सभी अशुद्धियों से मुक्त करना चाहिए। फिर, अपने घर के पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें। पूरे परिवार के साथ माँ दुर्गा की पूजा करें।
माँ ब्रह्मचारिणी को कलश में चमेली के फूल, चावल और चंदन चढ़ाएँ। देवी की मूर्ति और श्रृंगार को स्नान कराने के बाद, चमेली के फूल, रोली और कुमकुम चढ़ाएँ। दूध, दही और शहद से देवी का अभिषेक भी किया जाता है। चीनी का एक विशेष भोग भी तैयार किया जाता है।
नवरात्रि 2024 दिन 2: प्रार्थना, पूजा मंत्र, और स्तुति: प्रार्थना –
दधाना कारा पद्मभ्यमक्षमाला कमंडलु देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा पूजा मंत्र – ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः स्तुति – या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
नवरात्रि 2024 का दूसरा दिन: दिन का समय और रंग
नवरात्रि का दूसरा दिन 4 अक्टूबर को है। द्रिक पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 5 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे तक रहेगी।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:38 से 5:27 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:46 से दोपहर 12:33 बजे तक
विजया मुहूर्त – दोपहर 2:07 से दोपहर 02:55 बजे तक
नवरात्रि का प्रत्येक दिन प्रत्येक नवदुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, और नौ दिवसीय उत्सव के लिए अलग-अलग रंग भी निर्धारित किए गए हैं। दूसरे दिन के लिए शुभ रंग हरा है। यह प्रकृति का प्रतीक है और विकास, उर्वरता, शांति और स्थिरता की भावना पैदा करता है।