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Dhoni vs Rohit: Who Leads Best?

भारतीय क्रिकेट जगत में कप्तानी के क्षेत्र में दो नाम बेमिसाल हैं – महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा। दोनों ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की है और अपनी-अपनी आईपीएल फ्रैंचाइजी को कई जीत दिलाई हैं, फिर भी उनके दृष्टिकोण, रणनीति और उनके द्वारा नियंत्रित युग स्पष्ट रूप से अलग-अलग थे।

आईपीएल नेतृत्व

आईपीएल में दोनों ही टीमें शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और रोहित की मुंबई इंडियंस (एमआई) सबसे सफल टीमें रही हैं, दोनों ने पांच-पांच बार खिताब जीता है। धोनी की अपने समय से पहले के खिलाड़ियों से प्रदर्शन करवाने की क्षमता और उनकी रणनीतिक प्रतिभा ने सीएसके को एक मजबूत टीम बना दिया। इस बीच, रोहित ने एमआई में जीत की मानसिकता पैदा की, जिससे वे अपेक्षाकृत असंगत टीम से लगातार विजेता बन गए, जिसमें आक्रामक खेल और गति बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया।

प्रारंभिक शुरुआत और नेतृत्व शैली

एमएस धोनी, जिन्हें उनके अडिग व्यवहार के लिए प्यार से ‘कैप्टन कूल’ कहा जाता है, ने 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली। उनकी नेतृत्व शैली में शांत स्वभाव, सामरिक कौशल और खेल की लगभग सहज समझ शामिल थी। धोनी की अपने पैरों पर खड़े होकर सोचने की क्षमता, उच्च दबाव वाले परिदृश्यों में साहसिक निर्णय लेने की क्षमता और मैच को खत्म करने की उनकी आदत ने उन्हें एक सम्मानित नेता बना दिया। उनके कार्यकाल में भारत ने 2007 में पहला टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती।

अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली के लिए मशहूर रोहित शर्मा ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में लंबे समय तक काम करने के बाद 2022 में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली। उनकी नेतृत्व शैली धोनी से अलग है – अधिक सक्रिय, आक्रामक और मैच की शुरुआत में ही लय सेट करने पर केंद्रित। रोहित के नेतृत्व में, मुंबई इंडियंस आईपीएल में एक पावरहाउस बन गई, जिसने रिकॉर्ड पांच खिताब जीते, जो उनकी रणनीतिक दूरदर्शिता और मैन-मैनेजमेंट कौशल का प्रमाण है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

धोनी का अंतरराष्ट्रीय कप्तानी रिकॉर्ड चौंका देने वाला है। उनके कार्यकाल में भारत के क्रिकेट खेलने के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव आया, जिसमें रक्षात्मक मानसिकता से अधिक आक्रामक दृष्टिकोण की ओर संक्रमण हुआ, खासकर छोटे प्रारूपों में। वनडे और टी20 में उनकी कप्तानी के आँकड़े विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ हैं, जो उनकी सामरिक सूझबूझ और टीम से मिले भरोसे को दर्शाता है। रोहित शर्मा ने हालांकि धोनी जितने लंबे समय तक भारत का नेतृत्व नहीं किया, लेकिन टीम में एक नया दृष्टिकोण लाया। टी20 विश्व कप में उनकी कप्तानी, जहां भारत फाइनल में पहुंचा, ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में नेतृत्व करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन किया। हालांकि, उनकी कप्तानी में परिणाम मिश्रित रहे हैं, रोहित के नेतृत्व में टेस्ट में भारत का प्रदर्शन अभी भी अपनी लय हासिल कर रहा है।

तुलनात्मक विश्लेषण

कप्तानी की सफलता के मामले में दोनों की अपनी खूबियाँ हैं। ICC इवेंट्स में धोनी का रिकॉर्ड बेजोड़ है, जबकि रोहित का IPL में जीत प्रतिशत बेहतर है, जो फ्रैंचाइज़ क्रिकेट में उनकी काबिलियत को दर्शाता है। धोनी की कप्तानी दबाव में टीम की क्षमता का दोहन करने के बारे में अधिक थी, जबकि रोहित की नेतृत्व शैली शुरुआत से ही एक ठोस टीम की नींव और गति बनाने पर केंद्रित है।

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